ध्रुव ग्लोबल स्कूल के बच्चाेंं ने किया रामलीला का अदभुत मंचन
सीता हरण का मार्मिक दृश्य देख भाव विभोर हुए दर्शक
मार्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम के लीला का अद्भुत मंचन
पुणे : ध्रुव ग्लोबल स्कूल के छात्रों ने वाल्मिकी पर आधारित रामलीला का अद्भुत मंचन कर उपस्थित हजारों लोग और अतिथियों को हैरत में डाल दिया. कक्षा चौथी से ग्यारहवी तक के ४५० से अधिक बच्चों की कलाकारी काबिल ए तारीफ रही. करीब २ घंटे २० मिनट के नाटक में ३० हजार से अधिक दर्शक अपनी जगह पर मंत्रमुग्ध होकर बैठे और नन्हे बच्चों की कला के आगे मानो नतमस्तक हो गये. सीता हरण, लंका दहन, रामसेतु का निर्माण, युध्द में लक्ष्मण जी को लगना, हनुमान जी का आकाश मार्ग से संजीवनी बूटी लेकर आना, राम रावण युध्द को इतना कुशलता देखने को मिली कि लगा ये दक्ष कलाकार है.
श्रीक्षेत्र आलंदी में राम जन्मभूमि तीर्थस्थल निर्माण समिति के कोषाध्यक्ष एवं गीता परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य स्वामी गोविंददेव गिरिजी महाराज के ७५ वें जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित भव्य गीताभक्ति अमृतमहोत्सव पर ध्रुव ग्लोबल स्कूल एवं गीता परिवार के सहयोग से स्कूूल के छात्रों ने रामलीला नाटिकाका मंचन किया. इसमें राम का किरदार अवनीश बोरकर और आदित्य दाहद, रावणङ्क्ष- सिध्दार्चित पॅवार, हनुमान- मितेश वाघ, मंथरा- खुशी देशमुख, कैकेयी- ओवी सोंजे, दशरथ- अथर्व जोशी और सीता का किरदार शानवी कलावाडिया तथा हविशा चतुर्वेदी इन छात्रों ने बखुबी निभाया है.
श्रीरामलीला मंचन की शुरूआत राम रावण युद्ध से होकर रावण वध से हुई. पूरे प्रसंग को इन कलाकारों ने पनी भावभंगिमा के माध्यम से रामायण के इस प्रसंग को इतना प्रभावी बना दिया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए. यहां की सभी प्रस्तुति अद्भुत धुनों के साथ शुरू हुई.
इसमें श्रीराम के कोमल पक्षों को उभारा है, वे बहुत भावुक है .साथ ही अरण्य कांड में सीता हरण जैसे कारूणिक प्रसंग है. अत एव यह भावुकता इस कथा से स्पष्ट रूप से उभरती है. इसमें पारंपारीक लोक वेशभूषा में प्रस्तुति दी. रामकथा से जुडे प्रसंगों की मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कलाकारोंने भक्ति और भाव के मिश्रण का जीवंत प्रदर्शन किया.
इस नाटक को संगमनेर के गिरीश डागा ने लिखा है, जिसकी शुरुआत रावण वध से होते हुए कहानी को आगे बढाया गया है. इसमें संगीत, पारंपारिक परिधान, अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल, लाईट इफेक्ट, मंच पर अलग अलग दृश्य की झांकी जैसे कई पहलूओं को दर्शानेसे नाटक ने अद्भुत मोड लिया. भगवान श्री रामचंद्र अपने नैतिक कौशल, युद्ध कौशल, संयम, एकपत्नीत्व, मित्रता, पारिवारिकता, देशभक्ति, देश प्रेम से सभी को प्रेरित करते हैं. अपने पिता का वचन पूरा करने, भ्रातृप्रेम के प्रतीक भरत ने राम की पादुकांए सिंहासन पर रखकर उनके वनवास से लौटने की प्रतीक्षा करके मातृभूमि की सेवा की. सीता हरण के मंचन ने लोगाेंं को भाव विभोर कर दिया.
इसमें राम और जटायू का संवाद, राम मारीच संवाद, माता सबरी संवाद हाई टेक्नोलॉजी से लैस सिस्टम पर आधारित किया गया. बच्चों की प्रस्तुति में प्रसंग जैसे जैसे आगे बढता गया, संगीत भी तीव्र होता गया. आंखों की मुद्राओं से कई दृश्यों को बताने पर दर्शक चकित हुए. बांसुरी जैसे वादयंत्रों के अद्भुत सुरों के साथ रामकथा आगे बढते गई. राम लीला के इस मंचन में४५० से अधिक बच्चों ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है.
स्वामी गोविंदगिरी महाराज ने कहा, राम भारत की आत्मा है, इसमें भारतीयता जीवित रहेगी. जिससे सबका कल्याण होगा. इस धर्ती पर शेकडो राम कथाएं उपलब्ध है लेकिन वाल्मिकी ने लिखी रामायण का यह मंचन देख मन प्रसन्न हुआ. राम के गुणों को अपनाकर ही यह देश बदलेगा.
संजय मालपाणी ने कहा कि, यदि किसी भी प्रकार का प्रबंधन सीखना है तो श्रीरामचरित मानस से सीखा जाये इसका प्रत्येक पात्र अपने आप में एक कुशल प्रबंधन है, चाहे अंगद के पैर जमाना हो या हनुमान जी का स्वामी भक्ति हो.
ध्रुव ग्लोबल स्कूल के संचालक यश संजय मालपाणी ने कहा, सभी को अपने जीवन में श्रीरामचरितमानस का अध्ययन कम से कम एक बार संपूर्ण गंभीरता के साथ अवश्य करना चाहिये, क्योंकि इसमें जीवन के हर रूप का वृतांत है, एवं इसे अध्ययन से आप अपने आप को किसी भी प्रकार की कठिनाईयों से जीतने के लिए तैयार कर सकते है.
प्रिंसीपल संगीता राउतजी ने कहा, यह सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में एक है जहां के विद्यार्थियों को पढाई के साथ साथ सत्र भर नैतिक एवं सांस्कृतिक शिक्षा पर ध्यान दिया जाता है. बच्चों की यह अद्भुत कलाकारी देखकर लगा कि स्कूल में शिक्षा और संस्कार का संगम है. यहां बच्चों का भविष्य उज्ज्वल है.
संपूर्ण रामायण का संचालन संस्था की अध्यापिका ने किया.